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Wednesday, March 30, 2011

पानीयम्

आजकल जादू हर शब्‍द का संस्‍कृ‍त रूप बोलता है।

और ये बात उसे किसी ने सिखाई नहीं है।
उसने अपने आप 'पानी' को 'पानीयम्' या 'पानम्'

और 'छिच्‍छी' को 'छिच्‍छीयम्' बोलना शुरू कर दिया है।

कुछ और मिसालें---'बिच्‍चीयम' (बिस्किट के लिए) । 'पेपरम्'। वग़ैरह।

आज का पेपर

आज जादू दोपहर तक पापा के साथ है।

शरारतों से पूरा घर सिर पर ले रखा है जादू ने।

अभी-अभी आज का अख़बार किचन की 'सिंक' में फेंक आया है।

अरे भई 'भारत-पाक' सेमीफायनल के दिन

पेपर का क्‍या काम।

सही तो किया जादू ने।

Thursday, March 3, 2011

आज सुबह की तस्‍वीरें

आज सुबह जब हॉल में धूप-छाया का खेल जारी था तब पापा ने ये तस्‍वीरें ली हैं।

एकदम ताज़ा तस्‍वीरें।
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