जादू की पुड़‍िया में आपका स्‍वागत है। चूंकि यहां जादू के बारे में ख़बरें 'कभी-भी' और 'कितनी भी' आ सकती हैं। और हो सकता है कि आप बार-बार ब्‍लॉग पर ना आ सकें। ऐसे में जादू की ख़बरें हासिल करने के लिए ई-मेल सदस्‍यता की मदद लें। ताकि 'बुलेटिन' मेल-बॉक्‍स पर ही आप तक पहुंच सके।

Friday, January 14, 2011

देख रहा हूं या स्‍वाद महसूस कर रहा हूं

9

3 comments:

Anonymous said...

tum mumma ko dekh dekh kar oats kha rahe ho m i right?-NOOPUR

Anand said...

ha ha ha...jadoo ki aankhen jaise pooch rhi hain mumma se...ki or milega kya mummy...??

सागर नाहर said...

मैया मेरी मैं नाहीं माखने खायो....
आप श्रीकृष्ण जी की तरह किसी चोरी को छिपाने की कोशिश कर रहे हो।
सच कहा ना मैने?

Post a Comment