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Thursday, October 17, 2013

मम्‍मा, आप भी वेजीटेबल खाओगी तो पापा की तरह टॉल हो जाओगी।

मम्‍मा जादू से रोज़ कहती हैं कि जादू आप वेजीटेबल नहीं खाते हो। आपका टिफिन बिना खाए वापस आता है। परांठा तो खा लेते हो। वेजीटेबल छोड़ देते हो। ये ठीक नहीं है। वेजीटेबल से विटामिन्‍स मिलते हैं। आप ताक़तवर बनोगे। जादू रोज़ कुछ ना कुछ बहाने बना रहा था सब्‍ज़ी नहीं खाने के। सब्‍ज़ी अच्‍छी नहीं लगती। तीखी लगती है। कभी वो कहता उसमें धागा होता है। जादू सब्जि़यों के रेशों और बारीक लंबे कटे प्‍याज़ को धागा बोलता है।

मम्‍मा ने फिर एक दिन डांटते हुए कहा, बेटा सब्‍ज़ी खाना ज़रूरी है।
जादू ने बहाना बनाना शुरू किया।
''मम्‍मा, आप रोज़ रोज़ सब्‍ज़ी परांठा ही क्‍यों देती हो टिफिन में।''
मम्‍मा- अच्‍छा मतलब... क्‍या देना चाहिए।

जादू-- अरे रोज़ अलग अलग कुछ दीजिए ना। जैसे कभी केक है। कभी क्रीम बिस्किट है। कभी चॉकलेट्स हैं। कभी स्‍वीट्स। कभी फ्राइड राइस दो और कभी डोसा चटनी दो ना मम्‍मा।

मम्‍मा ने उसकी डिमान्‍ड पर टिफिन का मेनु बदल दिया।

एक दिन वेजीटेबल पुलाव भेजा गया। जादू ने उसमें से सब्जि़यां चुन-चुन के निकाल दीं और चावल खत्‍म करके आ गया। स्‍कूल से लौटने पर मम्‍मा ने देखा--खाली सब्जियों के टुकड़े बचे हैं।

अगले दिन फिर सब्‍ज़ी परांठा दिया गया। जादू ने फिर सब्‍ज़ी नहीं खायी।
मम्‍मा ने फिर पूछा, तो जादू ने कहा--'बोला ना आपको, आप कभी खीर दो। कभी डोसा चटनी दो।

आज मम्‍मा ने डोसा-चटनी बनाकर दिया। खीर भी बनायी जादू के लिए।
जादू ने डोसा तो खाया। पर अभी भी जादू सब्जियां नहीं खाता।
मम्‍मा कहती हैं-- कोई बताये जादू की इस बहानेबाज़ी का क्‍या किया जाए।

अकसर जादू ये कहते हैं--मम्‍मा सब्जियां आप खा लिया करो। मिल्‍क पिया करो। क्‍योंकि देखो पापा कितने टॉल हैं और आप कितनी छोटी-सी हो मम्‍मा। आप भी खाओगी पियोगी ना, तो पापा की तरह बिग हो जाओगी।

7 comments:

PD said...

हा हा हा...

Ashish Shrivastava said...

है कोई जवाब ? जादू मम्मी की कितनी चिंता करता हौ

Anonymous said...

oh jadoo!kitni pyaari pyaari baatein karte ho tum:-) u r so ...so..so sweet-niharika lko

Archna Pant said...

हाय ! कितनी मासूमियत है इसकी बातों में ... :)
सचमुच जादू है ... तिलिस्म है !
जुग जुग जियो मेरे लाल ! <3

BHAGIRATH KUMAR said...

ha ha ha ha..:) :)

mohini moghe said...

Jadoo tumhara bholapaan muze bahut achcha laga.

Innocence is a language only a child like you can speak.

mohini moghe said...

Jadoo tumhara bholapan muze bada achcha laga... Innocence is a language only a child like you can speak.

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