आजकल जादू पैनी निगाहों से मम्मा को देखता रहता है।
और जैसे ही मम्मा को--
1. दवा निकालते देखता है
2. खाना परोसते देखता है
3. (बदलने के लिए) जादू के कपड़े तैयार करते देखता है
4. या कोई भी ऐसा काम करते देखता है--जो उसे झंझट लगे
तो फ़ौरन भागकर हॉल या बेडरूम में पर्दे के पीछे जाकर
कुछ यूं छिपता है कि पता ही ना चले।
कई बार मम्मा को धोखा हुआ कि जादू गया कहां।
पर आजकल मम्मा समझ गयीं हैं।
और जादू को हमेशा पर्दे के पीछे से ही पकड़ लिया जाता है।
लेकिन बदमाश जादू मम्मा को देखते ही पर्दे के पीछे से फुर्ती से
निकल कर छिपने की दूसरी जगह ढूंढता हुआ भाग निकलता है।
घर में मम्मा और जादू का 'पकड़ा-पकड़ी' या 'चूहा-बिल्ली' का खेल
चलता रहता है।
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