आजकल जादू ने कुछ नई ट्रिक्स सीखी हैं।
जब भी कहीं हल्की-सी भी चोट लग जाए, जिसके बारे में
मम्मा कहतीं हैं कि चींटी ने पैर मारा है..
तो भी जादू कहते हैं---'ऊ ऊ ऊ दब्बा दब्बा' (दवा दवा)
फिर मम्मा जादू को बोरोलीन या नीविया या फिर
नारियल का तेल जो भी सामने दिख जाए लगा देती हैं।
बस जादू का (नकली) दर्द ख़त्म हो जाता है।
दूसरी ट्रिक
अगर जादू कहीं गिर जाता है, तो उस जगह की पिटाई होती है।
हॉल, बेडरूम, सीढ़ी, लिफ्ट, बिल्डिंग के मैदान, पापा-मम्मा के स्टूडियो,
दीवारों, गाड़ी के दरवाज़े सबकी पिटाई कर चुके हैं जादू जी।
तीसरी ट्रिक
मान लीजिए कि जादू को चोट लग गयी है।
हल्की फुल्की चोट।
और पापा-मम्मा कुछ दूर खड़े हैं या बैठे हैं।
तो वहीं से फूंक मार देते हैं।
जादू का दर्द ख़त्म हो जाता है।
1 comments:
जादू के जादू का जबाब नहीं....
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