आइंस्टीन या न्यूटन ?
सुबह जादू जिस स्टूल पर बैठे थे
उसी को उठाने की कोशिश कर रहे थे।
और बोल रहे थे--बाप रे। बहुत भारी है।
फिलॉसफी
अभी-अभी जादू ने ज्ञान दिया है।
जादू जब बड़ा होगा तब बड़ा होगा।
इसीलिए इतनी शरारत करता है।
गाना
जादू गा रहा था--'मेरा प्यार शालीमार'
पापा चौंक गये। ये गाना कहां से आया।
खोजबीन करने पर पता चला कि ये किसी नारियल तेल
के विज्ञापन में आता है।
मावूती सुजुकी
जादू आजकल गाडियां पहचानते हैं। जैसे ही गाड़ी दिखती है कहते हैं वो देखो रिट्ज़।
एक दिन सिग्नल पर बोले, पापा देखो फीगो। जादू को फीगो पसंद है।
टी वी पर विज्ञापन का असर है जादू बोलते हैं मावूती सुजुकी वेगन आर।
इसे क्या कहा जाए।
अरे भैया
पता नहीं कहां से जादू ने 'अरे भैया' सीख लिया है।
बानगी देखिए--
'अरे भैया जादू को नहीं खाना है'
'अरे भैया सोने दीजिए'
'अरे भैया चलिए ना'
'अरे भैया जल्दी'
रेडियोसखी
पापा कभी-कभी मम्मा को रेडियोसखी कहते हैं।
एक दिन जादू कहते पाए गए--रेडियोसखी जादू को पानी चाहिए।
3 comments:
जादू की सारी बातें बहुत प्यारी हैं ... मैंने यहाँ जादू की बातें पढके सुनाई हैं बच्चों को
जादू की जादू भरी बातें सचमुच बहुत ही निराली हैं....
अरे भैया,पहले क्यों नहीं बताया दादा जी की हैप्पी बर्थडे के बारे में ?
हम भी उन्हें कोई अच्छी सी कहानी सुना देते उस दिन ।
चलो कोई बात नहीं ।
अरे भैया, अब "बिलेटेड" ही बोल दो हम सब की तरफ़ से !
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