सुबह-सुबह विविध-भारती लगा था।
'कोई मिल गया' का गाना बज रहा था--'जादू जादू'
दरअसल ये मम्मा के मोबाइल का रिंग-टोन है।
जब भी 'जादू-जादू' बजे तो जादू यही समझता आ रहा है कि
मम्मा के लिए किसी का फ़ोन आया है।
जादू ने मम्मा का फोन ढूंढा।
नहीं मिला।
फिर बोला--'अले मम्मा का मोबाइल ऑफिस में छूट गया है। अब का कलें।
तलो तलो तैयाल हो। मम्मा का मोबाइल लेने ऑफिस दाना है।'
जादू की जादुई-बुद्धि ने कहानी ये बनाई कि चूंकि
मम्मा का मोबाइल दफ्तर में छूट गया है। और बज रहा है इसलिए
रेडियो पर 'जादू-जादू' की आवाज़ आ रही है।
जबकि मम्मा का मोबाइल मम्मा के पर्स में था।
तो सुनिए वही गाना।
4 comments:
बड़ी ही प्यारी और हंसी से लोटपोट करने वाली हैं प्यारे से जादू की जादुई बातें....और उतना ही मीठा है ये गाना भी....
आवाज सुने बहुत दिन हो गए है जादू की ...."जादू-वाणी"....
सब पर जादू---जादू---जादू....
हा हा... जादुई बुद्दी.... :-)
ale waah
Post a Comment