रोज़ाना एक ख़ास समय पर सबेरे एक एरोप्लेन गुज़ारता है।
और जादू जी खिड़की पर जाकर उससे बातें करते हैं।
आज जब गुज़रा तो जादू ने पापा से पूछा--'पापा कितने बजे की फ्लाइट है'।
पापा अचकचा गये, बोले--बेटा डेढ़ बजे की।
जादू--'तो फिर पापा मैं सायकिल चलाने जाऊं'।
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संडे सबेरे-से जादू ब्रेड खाने के चक्कर में था।
पापा से बोला, वाह पापा ब्रेड...क्या बात है।
फिर जादू ने पापा के लिए कहानी बनाई, पता है पापा,
मैंने फिश से पूछा, फलेरो (जादू की पसंदीदा एक जूसी चॉकलेट)
खाओगी। तो फिश बोली, नईं मैं तो ब्रेड खाती हूं।
फलेरो तुम खाओ।
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कल पापा के साथ जादू कहीं जा रहा था।
तभी सिग्नल पर एक एंबूलेन्स गुज़री।
सायरन बज रहा था।
जादू ने पापा से पूछा--पापा इस गाड़ी में आवाज़
क्यों हो रही है। क्या किसी ने इस गाड़ी को हाथ
लगाया है। दरअसल हमारी गाड़ी में 'ऑटो-कॉप' लगा है
इसलिए अगर कोई गाड़ी को ज़रा-सा भी छुए तो गाड़ी
सायरन बजाती है। अकसर जादू को सबसे पहले सुनाई
देता है कि नीचे किसी ने गाड़ी के साथ छेड़छाड़ की है।
और जादू को बहुत गुस्सा आता है।
एंबूलेन्स के सायरन को सुनकर जादू ने सोचा कि
इस गाड़ी को भी किसी ने हाथ लगाया है, इसलिए इसमें
इतनी ज़ोर से सायरन बज रहा है।
फिर मम्मा ने जादू को एंबूलेन्स और सायरन के बारे में बताया।
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पिछले कुछ दिनों से लगातार रेडियो पर 'दिल पे लगी और बात बनी'
का प्रोमो बज रहा है। घर पर रेडियो बजता रहता है।
कल जादू खेलते-खेलते बोला---दिल पे लगी....और बात बन गई।
मम्मा जादू की ये बात सुनकर दंग रह गयीं।
पापा घर पर नही थे, जब होते हैं तो कभी-कभी जादू के साथ छिपा-छिपी
खेलते हैं। जादू मम्मा से बोला, 'मम्मा जादू को छिपा लो, पापा आयेंगे
तो ढूंढ नहीं पायेंगे'। मम्मा बोली, नहीं बेटा पापा देर से आयेंगे। वो
आमिर ख़ान अंकल को रिकॉर्ड करने गये हैं। जानते हो आमिर अंकल को'
जादू बोला--''हां जानता हूं ना। आमिर अंकल मतलब 'सतमेव गयते'।''
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मम्मा-पापा घर में ही कहीं थे।
जादू की ज़ोर से आवाज़ सुनाई दी, मम्मा-पापा बचाओ।
दोनों भागकर आए।
देखा, जादू का हाथ या पैर कहीं फंस तो नहीं गया।
कहीं गिर तो नहीं गया।
पहुंचे तो देखा कि पता नहीं कहां से एक जाले का
टुकड़ा आकर गिरा है। और जादू उस से डर रहा है।
'मम्मा ये देखो जाला, गंदू हताओ इसे'
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