जादू कभी-कभी सुबह बहुत ख़राब मूड में उठता है।
ज़्यादातर हंसता हुआ।
आज सुबह जब जादू उठा तो उसने देखा कि
उसकी 'डॉल' (गुलिया) उसके उठने का इंतज़ार कर रही है।
जैसे ही जादू जागा, गुलिया ने कहा कि
उसे वैसे ही 'टक-बक-टक-बक' करना है....जैसे जादू पापा
की पीठ पर करता है।
फिर क्या था--जादू फंस गए।
सुबह-सुबह जादू बन गए घोड़ा और
गुलिया बन गयी सवार।
और फिर बहुत देर तक 'तब्बत तब्बत' हुआ।
मम्मा-पापा को बड़ा मज़ा आया।
Friday, May 20, 2011
तब्बत तब्बत।।
Thursday, May 19, 2011
चलो बैट से पोहा बुहारें
जादू ने पोहा खाया
खाया कम पर बहुत गिराया
फिर पूरे घर में फैलाया
और मम्मा ने झाडू उठाया।
जादू ने फिर बैट उठाया।
झाडू और बैट से पोहा बटोरा जा रहा है।
Tuesday, May 17, 2011
जादुई शब्दकोश।।
पिज थन्ना है।
चाय तत्ता है।
पानी थन्ना है
दाल-आबल तत्ता है।
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फ्रिज ठंडा है।
चाय गर्म है
पानी ठंडा है
दाल-चावल गर्म है।
------------------ तक्कर नईं है
शक्कर नहीं है
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ऐवीकॉकल। हेलीकॉप्टर
पेन। प्लेन।
टेन। ट्रेन।
बश। ब्रश
पिच्च। फिश
बद। बर्ड
तर्ड। कर्ड- दही
तीकंद। श्रीखंड।
बनाना। बनानानानानानानानानानानानानानानानानानानानाना।
apple—एप्पल
बिंडी- भिंडी।
बिंडी- बिन्दी। (इसे अंदाज़े से समझना पड़ता है)
ककिया- तकिया।
ककई—ककड़ी
अक्कल- अंकल
दबंग--सलमान ख़ान।
तम्मन-चम्मच
तॉली—थाली
तॉली-कटोरी।
..........................................................................अगले भाग में जारी।।
Monday, May 16, 2011
दीवीदी
पिच्च
कल जादू मम्मा-पापा के साथ 'सावरकर पार्क' की सैर पर गया था।
वहां आजकल एक छोटा-सा एक्वेरियम खुल गया है।
जादू को 'फिश़' देखकर बड़ा अच्छा लगा।
वैसे जादू को फिश इतनी पसंद है कि पापा ने
अपने स्क्रीन सेवर पर भी 'पिच्च'लगा रखी है।
और पास की एक 'शॉप' पर बिना 'एक्वेरियम' देखे
आगे नहीं बढ़ता।
जादू को 'पिच्च' बहुत पसंद है।