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Tuesday, January 17, 2012

धूप जाओ खाना खाकर आओ।

जादू आज सबेरे पापा के साथ दूध लेने गया था।
सर्द सुबह की धूप बिखरी थी।
जादू बोले--'पापा देखिए यहां धूप है, वहां धूप है। पेप्‍सी ग्राउंड में धूप है।

बोलीबोली(बोरीवली) स्‍टेशन पर धूप है।

गाड़ी की विन्‍ड-स्‍क्रीन से छनकर धूप जादू की आंखें चौंधिया रही थी।

जादू जी परेशान हो गए।

बोले 'प्‍यारी धूप दाओ खाना खाकर आओ। सुन नहीं रही हो। समझ गयीं।

अले दाओ ना। मम्‍मा बुला  रही हैं '

फिर बोले--धूप सुन नहीं रही है।

आज जादू जी अपनी चिटपिटी वाली गन लेकर गए थे।

सब्‍ज़ी वाला बोला--अरे भैया तुम तो सबेरे से कट्टा लेकर घूम रहे हो।

फिर जादू कट्टा रखकर मटर छीलते पाए गए।

ये रही तस्‍वीर।

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