मंडे को गुड़ी पाड़वा के दिन जादू मम्मा-पापा के ऑफिस गया था।
तबिता (सविता मौसी) भी वहीं थीं।
जादू ने तबिता को खूब दौड़ाया।
वहां कमला आन्टी ने सिखाया बेटा ये मौसी हैं।
जादू बोला--नईं हैं। तबिता हैं।
जादू ने ऑपिच में खूब मस्ती की।
सबको दौड़ाया।
लौटने को तैयार नहीं था।
आखिरकार ज़बर्दस्ती लाना पड़ा।
रास्ते में 'काऊ' देखकर जादू हंसने भी लगा।
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