मेरी मम्मा भी बड़ी अजीब है .......गाना बज रहा था _चल री सजनी अब क्या सोचे कजरा न बह जाये रोते रोते ...गाना सुनते हुए अचानक रोने लगीं ...मैं चिंतित हो गया क्या करूं .....मैं उनके पास गया उनक आंसू पोंछे और उन्हें चुप कराया जैसे वे मुझे कराती हैं ..पूछने पर पता चला उन्हें अपने बाबा यानि मेरे नाना की याद आ गई ...ये उनके पापा का फेवरेट सांग था ।
समझ नहीं पा रहा कि उनके होठों पे मुस्कान के मोती कैसे बिखेरूं .....
4 comments:
जादू तो बम्बई का बाबू है, मुझे यकीन है मम्मा को खुश कर देगा। :)
मेरे पास शब्द नही। मैं दुखी इन्सान देख नही सकता। जब अपना कोई हो तो....
कहते तो खान साहब आप हो माशा अल्लाह खूदा आपको यूं ही बनाए रखे
Super
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